जब लक्ष्मण जी मूर्छित हुए तब हनुमानजी ने संजीवनी लाकर उनके प्राणों की रक्षा की। जब हमारा कोई अपना जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा होता है तो हम भी उसी संजीवनी बूटी का इंतजार करते हैं । कहीं से कोई किसी भी तरह हमारी मदद करें और उस […]
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